देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े रुख के बाद केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट दिल्ली द्वारा मंदिर निर्माण न किए जाने के निर्णय का उत्तराखंड चार धाम तीर्थ महापंचायत में स्वागत किया है। महापंचायत ने कहा कि मुख्यमंत्री की सक्रियता के कारण ही ट्रस्ट को यह निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड स्थित चार धामों के नाम पर किसी भी तरह के मंदिर निर्माण या उसके नाम का दुरुपयोग करने संबंधित कैबिनेट का प्रस्ताव पारित किया जाना स्वागत योग्य कदम है।
उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और महासचिव बृजेश सती द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री द्वारा यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। निश्चित रूप से देश के अन्य हिस्सों में चार धामों के नाम से कोई भी मंदिर नहीं बन पाएगा । उन्होंने कहा कि चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों एवं पुजारियों ने सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए उम्मीद जताई है कि राज्य सरकार धामों के विकास एवं तीर्थ पुरोहितों के हितों में निरंतर कार्य करती रहेगी।
इस अवसर पर महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी , यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महा सभा और महा पंचायत के कोषाध्यक्ष पुरूषोतम उनियाल, केदार सभा अध्यक्ष एवं महा पंचायत संरक्षक राज कुमार तिवारी, बद्रीश पंडा पंचायत समिति बदरीनाथ धाम के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत के अध्यक्ष उमेश सती,गंगोत्री तीर्थ महासभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल, मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल, संरक्षक और यमुनोत्री मंदिर समिति सचिव सुरेश उनियाल, केदार सभा के प्रवक्ता पंकज शुक्ला, केदारनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष चंडी प्रसाद तिवारी,प्रशांत डिमरी, अनुरुद्ध उनियाल, संजय तिवारी, तेज प्रक।