यमुनाघाटी से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला शांत नहीं हो रहा है। क्षेत्र में यह गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। 17 जनवरी 2024 नौगांव बाजार से लगे मुंगरा गांव के संतोष की 17 वर्षीय बालिका मंजियाली के नितिन के साथ देहरादून भागकर आई है। इनकी चालाकी का हस्र ऐसा था कि इस नाबालिक लड़की और इस लड़के ने अपने मां बाप से झूठ का तानाबाना बुनकर देहरादून पहुंच गए।
बता दें कि इस मामले की जब परिजनों ने तहकीकात की तो पत्ता चला कि यह नाबालिक लड़की जीएमएस रोड पर स्थित एक ज्वेलरी की दुकान चलाने वाले के परिवार में घर का काम करते पकड़ी गई। हालत इतने बदस्तूर थे कि काम करवाने वाला पांडे परिवार इस लड़की को छोड़ने के लिए राजी नहीं थे। इधर लड़की के परिजनों ने जब खोजबीन की तो मालूम हुआ कि नितिन ने इस लड़की को किसी ग्रोवर सिक्योरिटी एजेंसी के माध्यम से इस नाबालिक लड़की को वहां भेजा है और इसके बदले मोटी रकम ले ली है।
लड़के के पिताजी मंजियाली गांव निवासी युद्धवीर जुध्या ने बताया कि उनका लड़का देहरादून में कुछ काम करता है। लड़की के पिताजी संतोष ने बताया की उनकी लड़की को नितिन ने बहला फुसला करके और शादी का झांसा देकर देहरादून ले गई है। संतोष ने यह भी बताया कि जिसी दिन यह दोनो घर से गए उसी दिन नितिन ने उनकी लड़की किसी और के हवाले कर दी है। जब उन्होंने काफी खोजबीन की तो जहां उनकी लड़की की खबर मिली है वे लोग यूं धमकी दे रहे थे कि यदि देहरादून आयेंगे तो वे उन्हे गोली से उड़ा देंगे। जिसका उनके पास पुख्ता प्रमाण है।
गौरतलब यह है यमुनाघाटी के इस क्षेत्र से लड़कियों की तस्करी में पहले बाहरी व्यक्ति आया करते थे, अब स्थानीय युवा ही इस गोरखधंधे में पकड़े जा रहे है। जिन्हे पकड़ना स्थानीय पुलिस प्रशासन के लिए भी कम चुनौती नहीं है। दरअसल यह पहला मामला नहीं है बल्कि आए दिन इस तरह की घटना यहां हर माह सामने आ रही है।
कुलमिलाकर नौगांव, पुरोला, बड़कोट, मोरी जैसे दुर्गम क्षेत्रों से नाबालिक लड़कियों को देहरादून जैसी जगह पहुंचाने के बहाने, नौकरियों के बहाने आदि कारनामे सर्वाधिक सामने आ रहे है। जिसके बाद यह मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग का हो जाता है।