देहरादून। यमुनोत्री यात्रा के दौरान पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण आपका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया और आप बुरी तरीके से जख्मी हो गए, सरकार ने तत्परता दिखाई और एअरलिफ्टिंग से आपको एम्स ऋषिकेश लाया गया, तीन दिनों तक जीवन और मृत्यु की जंग से जूझते रहे और आज हम सब को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए विदा हो गए। शुरुआती दौर में मेरा परिचय सुभाष बोनियाल जी से नैनबाग में हुआ छोटी कद काठी, हंसमुख चेहरा, हर समय उत्साह से भरा हुआ व्यक्तित्व और हर कार्य को करने के लिए तत्पर। बाद में पता चला कि सुभाष जी तो हमारे खत कोरु के कचटा गांव के निवासी है। विगत कुछ पूर्व आपकी धर्मपत्नी को ग्राम पंचायत कचटा से प्रधान निर्वाचित किया गया इसके पश्चात निरंतर आपकी सक्रियता ओर बढ़ती गई और आप समय-समय पर मेडिकल कैंप लगवाना हो या फिर दूसरे सामाजिक मुद्दों को लेकर तत्पर रहते थे।
सुभाष भाई ने सकारात्मक पत्रकारिता के माध्यम से समाज को वाणी देने का काम किया, समाज में होने वाली हर समस्या के समाधान के लिए आप अपने चैनल की आईडी लेकर अधिकारियों के पास पहुंचने थे और समाधान तलाशते थे। मुझे याद है श्री राम मंदिर निर्माण के बाद जब हमारा अयोध्या जाना हुआ तो उत्साह के साथ आप हाथ में अपने चैनल की आईडी लेकर सब लोगों को अयोध्या के बारे में अवगत करा रहे थे। अभी कुछ ही दिन पूर्व विराट खाई में जब देवता की तीन पालगियां पहुंची तब भी आप अपने चैनल के माध्यम से हम सब लोगों को पाल-पाल की जानकारीयो से अवगत करा रहे थे।
सुभाष बोनियाल का निधन पत्रकारिता जगत और जौनसार बावर तथा खत कोरू के लिए अपूर्ण छति है जिसे भरपाना संभव नहीं होगा। ईश्वर आपको अपने चरणों में स्थान दें। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि परिवार को इस दुख से उभरने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति शांति शांति।।।