देहरादून। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में एक संग्रहालय बनाया गया है जिसमें जनजाति समाज से जुड़ी हुई लगभग 400 वस्तुएं आपको देखने को मिलेगी इस संग्रहालय में वह सभी वस्तुएं हैं जो आज विलुप्त हो रही है। जनजातीय क्षेत्र के छात्रों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्तराखंड का पहले एकलव्य मॉडल विद्यालय जौनसार बावर के प्रवेश द्वार कालसी में स्थापित किया गया था।
एकलव्य स्कूल को स्थापित करने का उद्देश्य है की जो छात्र अधिक मेधावी हो और जिनके पासआर्थिक संसाधनों का अभाव हो उन छात्रों को कक्षा 6 से और 12वीं तक की निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाए। यह विद्यालय केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के सहयोग से संचालित होता है परंतु विद्यालय का जो आंतरिक ढांचा है उसको बहुत ही व्यवस्थित और उच्च आदर्शो को स्थापित करने वाला बनाया गया है।
यहां के छात्र NIT, आईआईटी, दिल्ली विश्वविद्यालय आदि शिक्षण संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं।
विद्यालय का वार्षिक रिजल्ट शत प्रतिशत रहता है खास बात यह है कि विद्यालय के अंदर जनजाति क्षेत्र में उपयोग करने वाली वस्तुओं का संग्रहालय बनाया गया है जो विद्यालय में आने वाले अभिभावकों को और दर्शकों के आकर्षण का केंद्र है जिसमें लगभग 400 से अधिक दैनिक उपयोग वाली विभिन्न वस्तुओं को संग्रहित करके रखा गया है। एकलव्य मॉडल आदर्श विद्यालय की प्रिंसिपल सुधा पहनो ली है जो राष्ट्रपति द्वारा परीक्षित है उनकी बाइट भी इसमें सम्मिलित है।