हरिपुर । कालसी , लोक पंचायत जमुना तीर्थ समिति के तत्वावधान में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हरीघाट हरिपुर में 9वां यज्ञ, कीर्तन एवं मां यमुना की आरती का आयोजन कर धर्मध्वजा फहराई गई। लोक पंचायत जमुना तीर्थ समिति के अध्यक्ष गंभीर चौहान ने कहा है कि समिति के माध्यम से प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर मां यमुना के तट पर हवन कीर्तन एवं आरती का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य इस स्थान को और अधिक विकसित करने का है यह स्थान तपोभूमि है जहां चार नदियों का संगम बनता है।
लोक पंचायत के सदस्य पंडित शिवानंद उनियाल ने कहा कि पौष मास में जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। मकर संक्रांति में खिचड़ी का खास महत्व है जो समरसता का प्रतीक है। उन्होंने कहा है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती जैसे नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कुंभ के स्नान करने के बराबर होता है। उत्तरायण के दिन यमुना नदी में स्नान करना 100 अश्वमेध यज्ञ से भी बड़ा फलदाई माना जाता है। उन्होंने कहा है कि सरकार को हरिपुर कालसी क्षेत्र को विकसित करना चाहिए ताकि देश-विदेश के श्रद्धालु यहां पर आए और पुण्य लाभ प्राप्त करें।
इस अवसर पर पंडित शिवानंद उनियाल, समिति के सचिव सतपाल चौहान, चमन नेगी, रणवीर सिंह चौहान, चंचल सिंह चौहान, केसर सिंह नेगी, प्रीतम चौहान, शूरवीर नेगी, श्याम सिंह चौहान, जवाहर राणा, रणवीर सिंह, सुनीत शर्मा, कांति चौहान, खजान सिंह, चतर सिंह, ममता तोमर, कुंवर सिंह चौहान, सुनील कुमार, अर्णव तोमर, विजय भंडारी, इलम सिंह आदि सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
एक माह के अंदर यमुना घाट का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो लोक पंचायत देगी धरना यमुना तट हरिपुर स्थित हरीघाट में लोक पंचायत द्वारा हवन कीर्तन एवं यमुना आरती का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान लोक पंचायत के सदस्य एवं विधानसभा के पूर्व सूचना अधिकारी भारत चौहान ने कहा है की मां यमुना की महिमा को और अधिक व्यापक रूप देने के लिए सरकार द्वारा विधिवत्त घाटों के निर्माण का शिलान्यास एक वर्ष से पूर्व किया गया था परंतु अभी तक घाट का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। उन्होंने कहा है कि यदि एक माह के अंदर यमुना तट हरिपुर में घाटों के निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं होता है तो लोक पंचायत के सदस्य एवं स्थानीय जनमानस धरना देने के लिए मजबूर हो जाएंगे। सरकार को चाहिए कि निर्धारित समय से यमुना के घाटों का कार्य शीघ्र प्रारंभ करें।