देहरादून। उत्तराखंड का एकमात्र जनजाति महाविद्यालय साहिया में सरदार महिपाल राजेंद्र (SMR) के नाम से स्थापित है। इस महाविद्यालय के छात्रों ने बिगत दोनों जौनसारी बोली भाषा में अमर उजाला द्वारा आयोजित ‘नशे की अंधेरी रहा” एक नाटक प्रस्तुत किया इस प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय की 42 टीमों ने प्रतिभा किया। जिसमें SMR कॉलेज ने तीसरा स्थान प्राप्त किया और आज प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पारितोषिक के रूप में महाविद्यालय को ₹11 हजार का चेक भेंट किया।
मुझे बेहद खुशी है कि जौनसार बावर की हृदयस्थली साहिया में यह महाविद्यालय उच्च शिक्षा की क्षेत्र में जौनसार बावर के 550 से अधिक जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को स्थानीय स्तर पर ही उच्च शिक्षा देने में सफल हो रहा है। जिस साहिया में 90 के दशक में सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने के लिए हमारे अनेक लोगों ने लड़ाई लड़ी, मुकदमे दर्ज हुए उस कमी की पूर्ति के लिए एसएमआर (पीजी) कॉलेज अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। महाविद्यालय के चैयरमेन अनिल तोमर सहित संपूर्ण टीम को मेरी अनंत शुभकामनाएं।