Breaking News
केदारधाम के पुजारी गुरुदेव मृत्युंजय हीरेमठ का हुआ निधन
केदारधाम के पुजारी गुरुदेव मृत्युंजय हीरेमठ का हुआ निधन
निकाय चुनाव- पर्यवेक्षकों की टीम आज पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे नामों के पैनल
निकाय चुनाव- पर्यवेक्षकों की टीम आज पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे नामों के पैनल
हमारी टीम घर-घर जाकर संजीवनी योजना और महिला सम्मान योजना के लिए करेगी पंजीकरण- अरविंद केजरीवाल
हमारी टीम घर-घर जाकर संजीवनी योजना और महिला सम्मान योजना के लिए करेगी पंजीकरण- अरविंद केजरीवाल
कॉकटेल के सीक्वल पर लगी मुहर, शाहिद कपूर के साथ कृति सेनन और रश्मिका मंदाना मचाएंगी धमाल
कॉकटेल के सीक्वल पर लगी मुहर, शाहिद कपूर के साथ कृति सेनन और रश्मिका मंदाना मचाएंगी धमाल
साल 2047 में भारत को विकसित बनाने में भारतीय कामगारों की रहेगी अहम भूमिका- प्रधानमंत्री मोदी 
साल 2047 में भारत को विकसित बनाने में भारतीय कामगारों की रहेगी अहम भूमिका- प्रधानमंत्री मोदी 
चोटिल हुए भारतीय टीम के कप्तान, 26 दिसंबर से शुरु होने वाले चौथे सीरीज के मुकाबले पर छाया संकट 
चोटिल हुए भारतीय टीम के कप्तान, 26 दिसंबर से शुरु होने वाले चौथे सीरीज के मुकाबले पर छाया संकट 
ट्रिपल जश्न के लिए तैयार हुई पहाड़ों की रानी, यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन ने तैयारियों को दिया अंतिम रुप 
ट्रिपल जश्न के लिए तैयार हुई पहाड़ों की रानी, यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन ने तैयारियों को दिया अंतिम रुप 
सर्दियों में आइसक्रीम खाना सही है या नहीं? जानिए डाइटिशियन की राय
सर्दियों में आइसक्रीम खाना सही है या नहीं? जानिए डाइटिशियन की राय
बाबा साहेब के अपमान पर कांग्रेस ने किया उपवास, भाजपा को कोसा
बाबा साहेब के अपमान पर कांग्रेस ने किया उपवास, भाजपा को कोसा
महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने की निःशुल्क भूमि आवंटित
महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने की निःशुल्क भूमि आवंटित

चुनाव से ठीक पहले

चुनाव से ठीक पहले

सीएए को सिर्फ सीमित चुनावी नजरिए से देखना उचित नहीं होगा। बल्कि यह भाजपा की वैचारिक परियोजना का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इसके जरिए भारतीय नागरिकता को तय करने वाली कसौटियों में अब धर्म एक पहलू बन गया है। केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू कर दिया है। इसके लिए जरूरी नियम जारी कर दिए गए हैँ। जाहिर है, ये कदम 18वें आम चुनाव से ठीक पहले उठाया गया है। खबरों के मुताबिक हफ्ते भर के अंदर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने वाली है। उस पृष्ठभूमि में इसे सरकार और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के एक चुनावी कदम के रूप में देखा जा सकता है। महजबी आधार पर ध्रुवीकरण भाजपा की एक प्रमुख राजनीतिक ताकत है।

अगर चार साल पहले की घटनाओं पर- जब सीएए पारित हुआ था- गौर करें, तो तब इस कानून के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन हुआ था, जिसमें मुस्लिम समुदाय ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उसी सिलसिले में दिल्ली में दंगा भी हुआ। इससे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को हवा मिली थी। कानून लागू होने के साथ उन सारी घटनाएं की याद ताजा हो सकती है। इसके अलावा अगर फिर से इस कानून का विरोध हुआ, तो ऐसा माहौल और अधिक गरमा सकता है। बहरहाल, इस कानून को सिर्फ इस सीमित नजरिए से देखना उचित नहीं होगा। बल्कि यह भाजपा की वैचारिक परियोजना का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।

इसके जरिए भारतीय नागरिकता को तय करने वाली कसौटियों में अब धर्म एक पहलू बन गया है। इस कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले गैर-मुस्लिम व्यक्ति भारतीय नागरिकता के लिए अर्जी दे सकेंगे। इस तरह मजहब नागरिकता तय करने की एक कसौटी बन जाएगा। समझा जा सकता है कि यही व्यवस्था करना इस कानून का मुख्य मकसद है।

वरना, अगर उद्देश्य पड़ोसी देशों में उत्पीडि़त व्यक्तियों को राहत देना होता, तो फिर इस कानून के दायरे में श्रीलंका और म्यांमार को भी शामिल किया जाता- जहां अधिकतर उत्पीडि़त व्यक्ति हिंदू धर्म को मानने वाले होते हैं। जाहिर है, कानून उत्पीडि़त शरणार्थियों को राहत देने के लिए नहीं, बल्कि भारतीय राज्य के मूलभूत स्वरूप में परिवर्तन के लिए बनाया गया है। भाजपा का हमेशा से यह एक वैचारिक उद्देश्य रहा है। इस बीच चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके खिलाफ दायरे याचिकाओं को लटका रखा है, इसलिए सरकार के इस ओर बढऩे का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top